Shadow Fight 3 my favorite video game

Shadow Fight 3 is a very popular game developed by Nekki. Nekki has many other games like Shadow Fight 2, Vector and many other games, Shadow Fight 3, is a 1 vs 1 game where players can fight with computer and also with other players.

After extensive beta testing, the game was released in Canada on July 17, 2017, in India it was released on October 27, 2017, and later worldwide on November 16, 2017. Unlike its predecessors Shadow Fight 3 does not utilize flat 2D black shadows to represent fighters.

I like this game because, it gives us the thrill of fighting with each other in phone, the game has many bosses like Deng Rao , Gizmo, Sarge etc; Most important thing is that, it has many shadow abilities which takes critical damage to the opponent.

By A.V. Sai Harish

Regular school Vs Online school

in online school we can play video games and we can do whatever we want in the chat box . In regular school we can meet our friends and after the school hour’s we can play in the park and also while going home, we can buy some snacks, toys, in supermarket and we can also buy some toffees and some chocolates and balloons and cake and we can also buy some party hats for birthday party . In online class we can do nothing like that .And playing video games is a bad habit .

my opinion is regular class is only better than online class

blog by A.S Sai bhargav

मेरा ननिहाल (by 5.5 years old)

मेरा ननिहाल
आरव गुप्ता, नीरजा मोदी स्कूल, जयपुर
क्लास I , 5.5 years
——————————————————————————————-
मामा कहते थे चलो चलो बेटा, अब रात हो गयी है बेटा
अपने को अब सोना है|
रात को जब सब सोते थे, हम जगे रहते थे
अपनी मच्छरदानी में|
जुगनू हमारी मच्छरदानी में रौशनी चमकाते थे
हम खेलते थे जुगनुओं के साथ|
सुबह के चार बजते ही हमारा मुर्गा कुकड़कूँ करता था|
हमारे स्कूल की छुट्टी होती थी, हम गीली करते थे मिटटी
और बनाते थे छोटे छोटे घर
कोई बड़े कोई छोटे, जैसे मीमी कहती थी
आओ बच्चो कहाँ हो तुम
फटाफट जूतों को साफ़ कर के मीमी को कहते थे हम लोग
अपनी मच्छरदानी से थोड़े बहुत जुगनू निकाल के
दिखाते थे उनको और वो कहती थी मैं आयी
मुझे लगा कि तुम मिटटी का महल बना रहे हो|

अब्बा और अम्मी, अब्बा करते हैं प्यार
रात को जब सोते थे|
उनके घर में थी एक गाय जिसका पीते थे वो दूध
रात को ग्यारह बजे,
नाना नानी टीवी दिखाते थे|
आती थी भेडिये की आवाज़, नाना जब छोटे थे,
डर जाते थे भेडिये से
उनका दरवाज़ा खुला रहता था,उनके पास मच्छरदानी होती थीं दो
वहाँ जुगनू आते थे, उनका घर भी होता था|

नीतू बुआ छोटी थी, तो वो रात को जुगनू पकडती थी
एक जाल में डाल के बंद करती थी|
रात को वो घर से बाहर निकलते तो
सड़क पर दस लोग क्रिकेट खेलते थे|
वो भी बैट, बॉल और विकेट ले के चलते थे
जैसे ही उनके चार बजे मुर्गा कहता था कुकडूकूं
फटाफट बैट बॉल विकेट ले के घर के अन्दर
अब्बा अम्मी पूछते थे, तुम इतनी देर तक क्या कर रहे थे?
हम मिटटी से महल बना रहे थे|
——————————————————————————————-
मीमी- मामी
अब्बा- मम्मी के दादाजी
अम्मी- मम्मी की दादी जी
नीतू बुआ- मम्मी की बुआ